
दुनिया में इमानदरी एक कोरे कागज की तरह होती है .जो हमेशा खाली नज़र आती है तात्पर्य यह है की इस दुनिया में ईमानदारी बहुत ही कम जगह विद्यमान है कही भी जाकर देखो तो ईमानदारी कोरी ही लगती है जो भी व्यक्ति इमानदार होते है उनकी परछाई ही अलग सी होती है वह इंसान दुनिया के हर कदमो को पार कर लेता है और बेईमान व्यक्ति एक जगह स्थिर होजाता है क्योकि किसी की इमानदारी छुपती नहीं है जिस तरह समुद्र के किनारे पे आने वाली लहरे हर अच्छी चीजो को बहा कर ले जाती है और ख़राब चीजो को छोड़ कर चले जाती है उसी तरह ईमानदार इंसान हमेशा अपनीमंजिल तक पहुँच जाते है
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