Thursday, July 22, 2010

ईमानदारी


दुनिया में इमानदरी एक कोरे कागज की तरह होती है .जो हमेशा खाली नज़र आती है तात्पर्य यह है की इस दुनिया में ईमानदारी बहुत ही कम जगह विद्यमान है कही भी जाकर देखो तो ईमानदारी कोरी ही लगती है जो भी व्यक्ति इमानदार होते है उनकी परछाई ही अलग सी होती है वह इंसान दुनिया के हर कदमो को पार कर लेता है और बेईमान व्यक्ति एक जगह स्थिर होजाता है क्योकि किसी की इमानदारी छुपती नहीं है जिस तरह समुद्र के किनारे पे आने वाली लहरे हर अच्छी चीजो को बहा कर ले जाती है और ख़राब चीजो को छोड़ कर चले जाती है उसी तरह ईमानदार इंसान हमेशा अपनीमंजिल तक पहुँच जाते है

ईमानदारी

दुनिया का एक नया रंग ही ईमानदारी है इस दुनिया में ईमानदारी एक कोरे कागज की तरह है जिससे बहुतायत लोग खाली है

Tuesday, July 20, 2010

अच्छाई

जिंदगी में अच्छाई कंहा है यह कोई नहीं जानता दुनिया में कई तरह के लोग रहते है उनमे से कुछ अच्छे होते है और कुछ बुरे परन्तु हमें खोज है कुछ अच्छे लोगो की आज मै भी उन्ही की तलाश में हु मैंने अपनी जिंदगी में कई अच्छे लोग देखे है परन्तु उन्हें परख नहीं पाई अच्छाई हमेशा अच्छी लगती है चाहे वो किसी भी चीज की हो किसी वस्तु की जीव जंतु की पेड़ पौधों की किसी बच्चे की बड़े की बूढ़े की या फिर दुनिया के किसी भी चीजो की अच्छाई तो अच्छाई ही है मैंने जानवरों की अच्छाई को हमेशा परखा है वो हमेशा इंसानों से ज्यादा और कहीं ज्यादा लचर होने के बावजूद इन्सान से ज्यादा वफादार होते है इन्सान तो कभी बेईमान हो जाते है लेकिन जानवर नहीं क्योंकि इन्सान के पास दुनिया के सभी सुख सुविधाए है जिसमे उन्हें घमंड और इर्शिया भरी होती है लेकिन दुनिया में हर इंसान भी बुरे नहीं होते दुनिया में हर इंसान किसी के लिए अच्छा होता है और किसी के लिए बुरा बस हम हर किसी को समझ नहीं पाते हम जिसे अच्छा समझते है कोई और उसे बुरा क्या किसी बच्चे के लिए उसके माता- पिता बुरे हो सकते है इसलिए नहीं की वो हमें पालते पोसते है ,हमें बड़ा करते है